अपरिपूर्ण काल किसी भी भाषा के व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह काल मुख्यतः उन घटनाओं, स्थितियों या कार्यों को व्यक्त करता है जो किसी निश्चित समय पर पूरी नहीं हुई थीं या जिनका प्रभाव जारी था। हिंदी भाषा में, अपरिपूर्ण काल को समझना और उसका सही उपयोग करना भाषा सीखने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अपरिपूर्ण काल क्या है?
अपरिपूर्ण काल (Imperfect Tense) वह समय व्यक्त करता है जो अतीत में चल रहा था लेकिन पूरा नहीं हुआ था। यह काल अतीत की उन घटनाओं या स्थितियों को दर्शाता है जो लंबे समय तक चली थीं या जिनका प्रभाव अतीत में किसी एक निश्चित समय पर था।
अपरिपूर्ण काल के उपयोग
अपरिपूर्ण काल का उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है:
1. **अतीत की आदतें**: जब हम अतीत की आदतों या नियमित घटनाओं की बात करते हैं, तो अपरिपूर्ण काल का उपयोग होता है। जैसे:
– जब मैं बच्चा था, मैं रोज़ सुबह 6 बजे उठता था।
– स्कूल के दिनों में, हम हर रविवार को पार्क में खेलते थे।
2. **पृष्ठभूमि वर्णन**: किसी घटना की पृष्ठभूमि या परिदृश्य का वर्णन करते समय भी अपरिपूर्ण काल का उपयोग होता है। जैसे:
– जब वे आए, तो मैं पुस्तक पढ़ रहा था।
– बारिश हो रही थी और हवा बहुत तेज़ चल रही थी।
3. **अतीत में जारी कार्य**: जब कोई कार्य अतीत में किसी एक समय पर जारी था, तो भी अपरिपूर्ण काल का उपयोग होता है। जैसे:
– वह अपने कमरे में सो रहा था जब मैंने उसे देखा।
– मैं खाना बना रही थी जब बिजली चली गई।
अपरिपूर्ण काल में संयोजन
अब हम देखेंगे कि हिंदी में अपरिपूर्ण काल को कैसे संयोजित किया जाता है। इसमें मुख्यतः दो भाग होते हैं: क्रिया का आधार रूप और सहायक क्रिया।
क्रिया का आधार रूप
हिंदी में क्रिया का आधार रूप उस क्रिया का मूल रूप होता है जिसे अपरिपूर्ण काल में रूपांतरित किया जाता है। उदाहरण के लिए, “करना” (to do), “पढ़ना” (to read), “लिखना” (to write) आदि।
सहायक क्रिया
अपरिपूर्ण काल में सहायक क्रिया का उपयोग किया जाता है जैसे “था”, “थी”, “थे” और “थीं”। यह मुख्य क्रिया के साथ मिलकर वाक्य को पूर्णता प्रदान करता है।
संयोजन के नियम
1. **एकवचन और बहुवचन**: क्रिया के आधार रूप के साथ सहायक क्रिया का चयन एकवचन और बहुवचन के अनुसार किया जाता है।
– एकवचन पुल्लिंग: वह पढ़ रहा था।
– एकवचन स्त्रीलिंग: वह पढ़ रही थी।
– बहुवचन पुल्लिंग: वे पढ़ रहे थे।
– बहुवचन स्त्रीलिंग: वे पढ़ रही थीं।
2. **सर्वनाम के अनुसार परिवर्तन**: सहायक क्रिया का चयन सर्वनाम (subject) के अनुसार बदलता है।
– मैं (I): मैं पढ़ रहा था / रही थी।
– तुम (You – informal): तुम पढ़ रहे थे / रही थीं।
– आप (You – formal): आप पढ़ रहे थे / रही थीं।
– वह/वे (He/She/They): वह पढ़ रहा था / रही थी / रहे थे / रही थीं।
उदाहरण
अब हम कुछ उदाहरणों के माध्यम से अपरिपूर्ण काल के संयोजन को और गहराई से समझेंगे।
1. **पहला उदाहरण**:
– मूल क्रिया: खेलना
– एकवचन पुल्लिंग: वह खेल रहा था।
– एकवचन स्त्रीलिंग: वह खेल रही थी।
– बहुवचन पुल्लिंग: वे खेल रहे थे।
– बहुवचन स्त्रीलिंग: वे खेल रही थीं।
2. **दूसरा उदाहरण**:
– मूल क्रिया: खाना
– एकवचन पुल्लिंग: वह खाना खा रहा था।
– एकवचन स्त्रीलिंग: वह खाना खा रही थी।
– बहुवचन पुल्लिंग: वे खाना खा रहे थे।
– बहुवचन स्त्रीलिंग: वे खाना खा रही थीं।
अभ्यास
अभ्यास के माध्यम से अपरिपूर्ण काल को समझना और भी सरल हो जाता है। नीचे दिए गए वाक्यों को अपरिपूर्ण काल में बदलने का प्रयास करें:
1. वह (पढ़ना) ____________।
2. मैं (खेलना) ____________।
3. वे (गाना) ____________।
4. तुम (लिखना) ____________।
उत्तर
1. वह पढ़ रहा था/रही थी।
2. मैं खेल रहा था/रही थी।
3. वे गा रहे थे/रही थीं।
4. तुम लिख रहे थे/रही थीं।
सारांश
अपरिपूर्ण काल हिंदी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें अतीत की घटनाओं, आदतों और स्थितियों को विस्तार से व्यक्त करने में मदद करता है। इसके सही उपयोग से हम अपनी भाषा को और भी प्रभावी और स्पष्ट बना सकते हैं। अपरिपूर्ण काल के संयोजन को समझने और अभ्यास करने से भाषा सीखने वाले अपनी भाषा कौशल में सुधार कर सकते हैं।
भाषा सीखने की इस यात्रा में संयम और नियमित अभ्यास का महत्व अत्यधिक है। अपरिपूर्ण काल का सही उपयोग करने के लिए नियमित अभ्यास करें और विभिन्न परिस्थितियों में इसका उपयोग करने का प्रयास करें। इससे आपकी भाषा समझ और बोलने की क्षमता में न केवल सुधार होगा, बल्कि आपको आत्मविश्वास भी मिलेगा।